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Showing posts from December, 2018

बेवजह

कुछ बातें बेवजह भी होनी चाहिए न ! जैसे किसी सर्द सुबह, शब की विदाई और नींद के साथ छोड़ जाने के बाद भी किसी बीते ख़्वाब को बंद आंखों में कसकर भींच लेना... बेतरतीब सी बिखरी चीज़ों को समेटने की कवायद छोड़ उनके बीच ख़ुद को खोने की मोहलत देना .. पुरानी डायरी के किसी खाली छूटे ज़र्द पन्ने पर चटक रंगों का जामा पहने कुछ लम्हे उकेर देना जो कभी जीने की चाहत भी न की हो.. बेवक़्त की जाग में उस एक भूले-बिसरे गाने को तलाश कर बार-बार सुनना जिसे भूले मुद्दत हुई.. ज़िद करके थामे रखना वो हाथ जो छूटे हुए अरसा हुआ, कुछ साथ ताउम्र साथ ही रहते हैं साथ छूट जाने के बाद भी... और कुछ  साथ रहकर कभी साथ नहीं होते...है न ? #सुन_रहे_हो_न_तुम

अंतहीन

ये हमारी बातें हमेशा अधूरी रह जाती हैं, कितना कुछ होता कहने को पर तुम्हारे साथ का ये वक़्त कैसे फ़ुर्र हो जाता और इन अधूरी बातों से जाने कितनी बातें और जोड़ती रहती हूँ सारा दिन तुमसे अगली मुलाक़ात तक ... हाँ तो क्यों होनी हैं पूरी, मैं तो चाहता हूँ यूँ ही तुम्हें सुनता रहूँ, देखता रहूँ तुम्हारे होंठों की हरकत, आंखों की चमक जिसमें घुल जाती है तुम्हारी उन्मुक्त हँसी... ये बातें हमारे अंतहीन सफ़र की साथी हैं, कही-अनकही हर वो बात जिसका एक सिरा तुम्हारे पास रहा है और दूसरा मेरे। हमारे बीच तो चुप्पियां भी बोलती हैं ! तुमने कहा तुम्हारे स्केच मेरे शब्दों का साथ पाकर ही मुक़म्मल होंगें और मुझे ये एहसास हमेशा सालता रहा कि मेरे शब्दों का सफ़र तन्हा सा क्यों है ? शायद इन्हें भी हमेशा इंतज़ार रहा कि कोई चित्रकार अपनी आकृतियों में इन्हें जीवंत कर सके ... कभी-कभी कहना भर काफी नहीं होता न ! 💕 किरण #सुन_रहे_हो_न_तुम

हाँ मैं अपनी favourite हूँ

आज fm पर करीना को उसका पसंदीदा डायलाग दोहराते सुना "मैं अपनी favourite हूँ" याद आयी वो दुबली-पतली लड़की जिसे कभी कहा गया था उसका चेहरा उतना खास नहीं जितने सुन्दर उसके हाथ और पैर ... वो कुछ शब्द जाने कब-कैसे गहरे उतरते गए और सिमटती गयी वो अपने ही खोल में । सालों बाद फिर वही बात सुनी पर इस बार वो असर न छोड़ पायी क्योंकि अब तक सारी कुंठाओं को पीछे छोड़ वो खुद से प्यार करना सीख चुकी थी। ये प्यार यूँ ही नहीं हुआ, न किसी जादू की छड़ी ने उसे रातों-रात एक ख़ूबसूरत राजकुमारी में बदल दिया, न कोई सौंदर्य प्रतियोगिता में उसके सर पर ताज रखा गया... ये प्यार तो सिर्फ प्यार की ही देन है । कितना फर्क़ है न प्यार करने और प्यार में होने में .. एक गाना याद आ रहा सुबह से ...सुनाओगे न कभी ? हाँ क्यों नहीं, बताओ कौन सा ? तुम जो आये ज़िन्दगी में बात बन गयी 💕किरण #सुन_रहे_हो_न_तुम

ख़बर

"चाय में घोल कर किस तरह पीया जाए भीड़ का उन्माद, साज़िश की बू, गोलियों का अट्टहास, कानफाड़ू नारे, वहशियाना चीख-ओ-पुकार, सुर्ख़ लहू संग बेवज़ह जाया होती सांसें, बेवक़्त दहलाती मौत की आहट और फिर दशकों तक पसरी रहने वाली चिर ख़ामोशी..." ये कहते हुए अख़बार तह कर दिया . . काश अख़बार की तहों में दब कर, घुट कर मर जाती ये ख़बरें ! 😢किरण