कुछ तो बात है !

कुछ तो बात है इन बूंदों में,
अहसास नए हैं जागे ।
सावन की पहली बारिश में,
भीगे-भीगे तुम हो,
भीगे-भीगे हम हैं।

कुछ तो बात है इन आँखों में,
राज़ हैं कुछ तो गहरे से ।
दिलकश ख़्वाबों की ख़ुशबू में,
महके-महके तुम हो,
महके-महके हम हैं।

कुछ तो बात है, तुम मुस्काए,
रंग यूँ ही नहीं हैं बिखरे ।
खिले-खिले रंगों में लिपटे,
लहके-लहके तुम हो,
लहके-लहके हम हैं।

कुछ तो बात है, साथ में हम हैं,
मदहोशी है कैसी छायी।
भीगी-भीगी इस बयार में,
बहके-बहके तुम हो,
बहके-बहके हम हैं।

कुछ तो बात है, हर लम्हा है,
जैसे ज़ीस्त हो नई-नई।
साथ गुज़रते हर लम्हे में,
डूबे-डूबे तुम हो,
डूबे-डूबे हम हैं।

❤️ किरण🌹

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