एक लम्हा भर ज़िन्दगी

चंद क़दम ही सही, साथ चलो मेरे,
आओ मनाते हैं उत्सव
एक खूबसूरत शाम के आने का
तुम्हारी हथेली में चांद 
मेरी आंखों में सितारे उतर जाने का,
फिर देखते ही देखते सारे रंग
तुम्हारी मुस्कान में बिखर जाने का,
और वो एक लम्हा मेरे कैमरे में क़ैद हो जाए !

"पर क्या ये काफी होगा जान ? 
सदियों की तलाश और इंतज़ार का सिला,
बस एक लम्हे का प्यार !
तो फिर एक लम्हा एक सदी हो जाये 
तुम्हें देखूं, बुत हो जाऊं
तुम्हें छू लूं, तुम्हीं में समा जाऊं ..
याद रहे बस ये लम्हा 
बाकी सब बिसरा आऊं ..
एक पूरी ज़िंदगी एक लम्हे में गुज़र जाए,
तब शायद काफी होगा 'तुम्हारा' वो एक 'लम्हा' ... है न ?" तुमने पूछा

"शायद हाँ या शायद कुछ भी काफी नहीं तुम्हारे साथ... 
असीमित हैं ख़्वाहिशें, अरमान, चाहतें ... 
मगर हर ख़्वाहिश के साथ लगा होता है 'प्राइस टैग' ! 
सुनो, मुझे मंज़ूर है हर क़ीमत, जब तक तुम हमकदम हो मेरे ..." 

मेरी आँखों में सैलाब था अहसासों का
और उसमें उभरता तुम्हारा अक्स !

"एक दूसरे से किया हर वादा निभाएंगे हम,
साथ है ये सदियों का, और जारी रहेगा सफ़र बिल्कुल वहीं से,
जहाँ से एक मोड़ मुड़ गए थे हम..
वही साथ निभाने आया हूँ 
वही प्यार जिलाने आया हूँ !"

"ख़्वाहिश नहीं है तुम्हें किसी वादे में जकड़ लूं मैं ... 
अपने पर संभालो और उड़ो उस खुले आसमां में मेरे संग..
न कोई वादा, न ख़्वाहिश कल की, कोई ख़्वाब भी नहीं
बस ये लम्हा, जब साथ हैं हम
यही लम्हा, जब करीब हैं हम
यही लम्हा, जब ज़िन्दा हैं हम
आओ चुरा लेते हैं इसे, 
जज़्ब हो जाते हैं इसी में,
इस एक पल में न तुम 'तुम' रहो
न मैं 'मैं' रहूँ..
बंधन महीन धागों जैसे चटक जाएं
सारे रंग हममें बिखर जाएं, 
खो जाएं रात के आगोश में 
ख़ामोशी उलझ जाए धड़कनों के जाल में,
भीतर का शोर भी गुल हो जाए,
इस एक लम्हे के संगीत में ...
इससे पहले कि ये लम्हा खो जाए अगले पल में ..."

सुन_रहे_हो_न_तुम

Comments

Popular posts from this blog

Kahte hai….

Chap 25 Business Calling…

Chap 36 Best Friends Forever