Manali Diaries # 2
"किसी को शिद्दत से चाहो तो पूरी कायनात तुम्हें उससे मिलाने में जुट जाती है" .... कुछ ऐसा ही तो था फिल्मी डायलाग !
सचमुच जब ठान लो तो सब संभव है और राहें स्वयं स्वागत करती हैं । यूँ ही 18 मई को स्कूल फ्रेंड का मैसेज आया, मनाली का प्रोग्राम बना 10 जून से पहले और आनन-फानन में दो ही दिन में कब ट्रिप प्लान हुआ पता ही नहीं चला । रेल टिकट, वो भी गर्मी की छुट्टियों में ! ऐसे में जयपुर से चंडीगढ़ के 23 मई के जाने और 31 मई के वापसी के कन्फर्म टिकट मिलना जैसे सचमुच कुदरत का ही आशीर्वाद था । मनाली की 15 वर्ष पहले की खूबसूरत यादों में भीगा मन लिए हम चल पड़े थे जयपुर से पर ये मालूम नहीं था आगे का सफर कैसा होगा बिना किसी पूर्व तैयारी के ?
24 की सुबह ग्रीन-क्लीन सिटी चंडीगढ़ में बेहद ख़ुशनुमा पर फिर भी मनाली अतिशीघ्र पहुँचने की उत्सुकता चरम पर थी। ट्रेवल एजेंसी की रात की बसों में ही टिकट उपलब्ध थे, ऐसे में पूरे दिन चंडीगढ़ में बिताना (यानि मनाली में एक दिन कम और साथ ही रात में चंडीगढ़ से मनाली मार्ग के खूबसूरत दृश्यों को न देख पाने का मलाल ) कुछ खास अच्छा नहीं लग रहा था। तभी ख़्याल आया क्यों न एक आखिरी कोशिश करें सेक्टर 43 चंडीगढ़ बस स्टैंड चल कर, शायद सुबह 8:30 वाली वॉल्वो या 12 बजे वाली में 2 टिकट मिल जाएं ।
इस बीच पतिदेव ने अपने मित्र से कहकर चंडीगढ़ में होटल में कमरा भी बुक कर दिया दिन भर के लिए , पर हम एक आखिरी कोशिश की ठान चुके थे सो uber पकड़ी और पहुँच गए चंडीगढ़ बस स्टैंड ! सुबह की दोनों वॉल्वो बसें फुल और दिन भर गर्मी में तपते हुए 10 घंटे एक्सप्रेस बस के सफर से जी घबरा रहा था क्योंकि सखी को बस के सफर में परेशानी होती है, खासकर चढ़ाई वाले सफर में। enquiry पर एक बुज़ुर्ग ने मेरे निवेदन पर राय दी कि यदि 8:30 वाली बस 48 सीट वाली हुई तो शायद 2 टिकट का इंतज़ाम हो सके, ऐसे में 8 बजे यानि बस लगने तक प्रतीक्षा करें वरना 12 बजे वाली में आखिरी पंक्ति की 2 सीट तो है । ठीक 8 बजे जब टिकट विंडो से मनाही हो गयी और थोड़ी निराशा भी, वही बुज़ुर्ग अवतरित हुए और कंडक्टर को कहा "इन मैडम को 3-4 न. सीट दे दो 8:30 वाली वॉल्वो में" उन्हें ठीक से धन्यवाद भी नहीं कह पायी और वो मुस्कुरा कर जहाँ से अवतरित हुए थे, वहीं अंतर्ध्यान भी हो गए 😊😊
यूँ शुरू हुआ चंडीगढ़ से मनाली का खूबसूरत सफर ... सखी की थोड़ी स्वास्थ्य संबंधित परेशानी के बावजूद बाहर के खूबसूरत नजारों ने मन मोह लिया , हाँ तेज धूप ने बहुत सताया पर मनाली पहुँचने की उत्सुकता ने सब कुछ सहनीय कर दिया ।
#kiran
Comments