आसान नहीं होता पंछी होना !

आसान नहीं होता
अपने ही बनाये कफ़स को तोड़ना !
और किसी दिन तोड़ भी दिया
तो क्या आसान होगा,
अपने निढाल पंखों को
झाड़कर उड़ जाना खुले आसमान में ?
पंछी होने का ख़्वाब
सुखद होगा
पर पंछी होना ...
हाँ आसान तो नहीं होता
उन्मुक्त पंछी हो जाना,
ख़ासकर तब
जब कफ़स को ख़ुद ही चुना हो !
सुनो, अब ये दलील कौन सुनेगा,
कि तुम्हें दाने डालकर फंसा लिया
बहेलिए ने,
वो भी बड़े प्यार से ?
©विनीता सुराणा किरण

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