बात

बात ही बात में
यूँ बात चली
तुम्हारी बात
हमारी बात
इसकी बात
उसकी बात
तो बे-बात ही
कुछ ऐसी बात हुई
और बात-बात में
बात ऐसी बिगड़ी
कि बात भी न हुई
अब क्या बात करें
कैसे छेड़े फिर बात

कि बात बन जाए ......
©विनिता सुराना किरण  

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