बात (मुक्तक)

सादगी से जो कहे, वो बात होती पुरअसर
भीड़ में शब्दों की देखो, भाव होते बेअसर
बोलते है खूब, कोई सार उसमे है नहीं
शोर हो जब ढोल का तो, बांसुरी खोती असर
-विनिता सुराना 'किरण'

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