हाइकू (दिवाली)

चुस्त प्रहरी
देहरी का दीपक
राह दिखाए |

अमर ज्योति
नेत्रहीन को आँखें
दिव्य दिवाली |

सहमे बच्चे
भयभीत परिन्दें
कैसी दिवाली ?

चमके घर
अंधियारा मन में
रौशनी कहाँ ?

दीपक जले
न जले घर कोई
खुशियाँ फले |

-विनिता सुराना 'किरण'

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