वंदेमातरम् (दोहे)




नमन तुझे सब जन करें, जननी तू हिं कहाय |
यश तेरा जग में रहे, चारों दिशा हिं गाय ||
सीमा पर सैनिक खड़े, रिपु निकट नहीं आय |
कनक रहे धरती सदा,  बहुर अन्न उपजाय ||
धरम-करम में लीन हो, शुद्ध रहे आचार |
हो निर्भय  विचरण करें, बाल, वृद्ध अरु नार ||
भक्ति करें तेरी सदा, वंदन ही हम गाय |
भूले नहिं उपकार को, तुझको शीश नवाय ||
-विनिता सुराना 'किरण'

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