वो रात
आज फिर वो रात याद आयी है.
आज फिर वो बात याद आयी है.
वो चाँदनी रात, तारों की बारात,
तुम संग ख्वाब में वो हसीं
मुलाक़ात.
साँसों का मधुर संगीत,
धडकनों ने गाया था
प्रेम-गीत.
मुहब्बत की वही मीठी धुन,
फिर गुनगुनायी हैं.
आज फिर वो रात याद आयी है .
प्रीत की बगिया थी, हमने
सजाई,
चाँद तारों ने दी थी, उस
प्यार की गवाही.
आँखों-आँखों में हुई थी, बातें
सारी,
रजनीगंधा सी महकी थी, प्रीत
हमारी.
पहले प्यार की खुशबू ने,
जीवन-बगिया महकायी है.
आज फिर वो रात याद आयी है.
न मंडप, न रस्में, न थी
शहनाई,
न पंडित, न बाराती, न
डोली सजाई.
जन्मो तक साथ निभाने की, कसमें
हमने खायी थी.
हमारे मिलन की ख़ुशी में,
कायनात मुस्कराई थी.
प्यार की वही कसमें, आज फिर
दोहराई है.
आज फिर वो रात याद आयी है.
-विनिता सुराना ‘किरण’
Comments
Taro ne baarat sajai hai........
Thande thande pavan ne tanhai mai
Kya khub sangit ki mahefil sajai hai !!
Aaj phir vo raat yaad aayi hai.....
Bahot sunder !! Vini ji !