याद तुम आये
जब आकाश में काले
बादल छायें,
तब याद तुम आये.
जब बहकी-बहकी चली
हवाएं,
तब याद तुम आये.
जब घटाओ ने मोती
बरसायें,
तब याद तुम आये.
जब गीली मिट्टी
से सौंधी खुशबू आये,
तब याद तुम आये.
जब इन्द्रधनुष ने
रंग फैलाएं,
तब याद तुम आये.
जब कोयल मीठी कूक
लगायें,
तब याद तुम आये.
जब चहूँ ओर
हरियाली लहरायें,
तब याद तुम आये.
जब मदहोश फिज़ा
सरगम सुनाएं,
तब याद तुम आये.
जब अल्हड नैना
सपने सजाये,
तब याद तुम आये.
जब-जब सोचा 'विनि' तुम्हें भूल जायें,
तब-तब याद तुम ही आये.
-विनिता सुराना ‘किरण’
Comments
Sitaronk angan main ho ghar AAP ka,
Dua hay aik ek dost ki ek dost k liye,
Aap say bhi khobsorut naseeb ho AAP ka,