नन्ही परी
दूर परियो के देश से,
आई एक नन्ही परी.
रूप उसका दमके,
जैसे हो चांदनी भरी.
होंठ गुलाबी पंखुरियों से,
मुस्कान है मनहरी.
चंचल हैं अदाए उसकी,
आँखें मासूमियत भरी.
दूर परियो.................
उसके आने से बगिया महकी
बोली उसकी, ज्यूँ कोयल चहकी.
चपल वो जैसे, पवन हो बहकी,
निर्मल, पावन नदिया लहकी.
बंद मुट्ठी में उसकी,
सारे जहाँ की खुशियाँ भरी.
दूर परियों...............
अंगुली थामे माँ की, वो पग-पग बढ़ी,
कभी लाड से, बाबा के कंधे चढ़ी.
उसकी प्यारी सूरत, मानो रामायण पढ़ी,
बहुत प्यार से इश्वर ने, ये मूरत गढ़ी.
बंद पलके उसकी,
हसीं ख़्वाबों से भरी.
दूर परियों...............
-विनिता सुराना 'किरण'
-विनिता सुराना 'किरण'
Comments
आँखें मासूमियत भरी.,
बंद मुट्ठी में उसकी
सारे जहाँ की खुशियाँ भरी.
Bahot sunder rachana.... :)