अकसर याद आती हैं



वो बातें, वो मुलाकातें,
अकसर याद आती है.
रिमझिम बरसातों में उसका आना
बिन बोले आँखों से सब कह जाना
बारिश की बूंदों के छींटे उडाना
देखकर मुझे हौले से मुस्कराना
हाथ मेरा थामकर धीमे से गुनगुनाना
प्यार के वो नगमे, वो मीठी धुन ‘किरण’
अकसर याद आती हैं.
वो बातें, वो मुलाकातें,
अकसर याद आती हैं.
-विनिता सुराना ‘किरण’



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