जो तुम न आते
जो तुम न जीवन में आते
प्यार है क्या, हम जान न पाते.
मीठे इस एहसास से, अनछुए रह जाते,
यूँ ही जीते, यूँ ही मर जाते.
आए तुम, तो सोये अरमां जागे,
जुड़ने लगे टूटे हुए धागे.
रंग सुनहरे, ख़्वाबों में घुले,
रंग सुनहरे, ख़्वाबों में घुले,
ख्यालों को भी नव पंख मिले.
लगे हर सवेरा हसीं, जब हो साथ तेरा,
हर सांझ हो रंगीं, थामो जब तुम हाथ मेरा.
होंठों पर सजे तेरा ही नाम,
हर सांस ले आये प्रेम-पैगाम.
हर लम्हे में याद तुम्हारी
हर मुस्कान है तुम पे वारी.
खामोश फिज़ा भी नगमे गाये,
मन का सितार झंकृत कर जाए.
जो तुम न संग हमारे होते,
ख्वाब हमारे यूँ ही खोते.
तन्हाई को गले लगाते
अश्कों संग अपने बह जाते.
जो तुम न जीवन में आते,
प्यार है क्या, हम जान न पाते.
-विनिता सुराना 'किरण'
-विनिता सुराना 'किरण'
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