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Showing posts from June, 2016

Soul mate (poem 5)

You're not with me yet i can strongly feel your presence, A delicate 'dream' Born of the guileless sleep at dawn, A secret 'dialogue' from solitude, Fragrant 'soul' of my writes, The vibrant filament of my life, Still you need to ask, What 'you' mean to me? तुम साथ तो नहीं पर शिद्दत से महसूस किया 'अहसास' हो, अलसुबह् की मासूम नींद से जन्मा नाज़ुक सा 'ख़्वाब' हो, अक़्सर तन्हाइयों में की गयी ...

अधूरी कहानियाँ

बारूद के धुंए से होकर गुज़रने वाली हर सड़क, हर पगडण्डी कितनी कहानियाँ धूमिल करती जाती हैं... मुरझा जाते हैं कुछ ख़्वाबों के नरम पौधें, कहीं टूटते है कच्चे बांध, कहीं सूख जाती हैं ...

प्रेम

उन यादों के फ़ूल मुरझाया नहीं करते जो खिलते है अहसास की ज़मीं पर , तुम्हारे साथ ऐसे ही बीज बोना चाहती हूँ प्रेम के ! ©विनीता सुराना ' किरण '

Soul mate (poem 4)

कोष्ठक [  ] में दी गयी पंक्तियाँ प्रसिद्ध अंग्रेज़ी कवि E.E.Cummings की कविता से हैं जिनका अनुवाद अपनी समझ से करने का छोटा सा प्रयास भर है, त्रुटियों के लिए क्षमा सहित [ i carry your heart with me (i carry it in my heart) i am never without it (anywhere i go you go, my dear; an...

Soul mate (poem 3)

Hours have gone, Since i woke up From that disturbing dream, Yet those eyes Haunt me still... Those intense yet sad eyes As if missing someone deeply. Those faceless eyes, Deep pools of emotions Waiting to engulf Someone they desire to keep ... This longing in my heart, This restlessness, Emotions completely alien to my heart..... Oh ! Was it just a dream Or are you looking for 'me' Just as i'm for 'You'.... जाने कितने पहर बीते मेरी नींद टूटे उस बेचैन ख़्वाब को छूटे पर वो आँखें अब भी पीछा करती हैं... वो भेदती ...

Soul mate (poem 2)

Yet another morning, I have boarded an overcrowded bus.. Finding a space for my feet And settling for a full forty-five minutes drive To my college, I'm trying to read The faces around me.. My favourite pastime these days Those half-smiles, Mischievous eyes, Perplexed faces, Hushed conversations, Those gestures shared discreetly yet never going unnoticed Between new love-birds... I wonder sometimes, Do these faces really interest me, Or is it an unconscious quest For 'You'.... और एक सुबह चढ़ती हूँ एक भीड़ भरी बस में, खड़े होने भर जगह बनाती हूँ पूरे पैंतालीस मिनट की दू...

Soul mate (poem 1)

Hey ! Are 'you' really there, somewhere, Waiting for me ? Those warm rays must have touched you lovingly too... Just when they caress me at pre-dawn, While i m still asleep Lost in my fancy dreams of love .... Is that 'you' Who often Plays hide-n-seek Amidst the shadows of evening or are 'you' That stranger Who hides under the dark cover of artful night Prying at 'me' silently and secretly... सुनो, क्या ' तुम ' सच में हो, कहीं ? मेरे इंतज़ार में, वो कुनकुनी सी किरणें तुम्हें भी तो प्यार से छूती होंगी... ...

वक़्त लगता है !

वक़्त लगता है! मुस्कान को लबों पर खिलकर आँखों तक महकने में... वक़्त लगता है ! दिल की सदा साँसों में घुलकर दिल तक पहुँचने में.. वक़्त लगता है ! "मैं" को "तुम" से मिलकर कड़ियों सा जुड़कर "हम" म...

तुम !

तुम ! वो ख़्वाब नहीं जिसे रात ने बोया नींद ने खिलाया और सुबह तोड़ ले गयी... तुम! वो ख़्वाब हो जिसे बोया भी आँखों ने सींचा भी अपनी नमी से खिलकर आ बैठे पलकों पर अब ... न सोते हो न सोने देते ...

आरज़ू

छोड़ दिए खुले आसमाँ में ख़्वाहिशों के परिन्दे ... कभी लौटेंगे, अब्र की रुई में लिपटे, दुआओं की बूँदों में भीगे, बस इक छोटी सी आरज़ू को चुपके से छुपाकर रख लिया हथेली के कोने में .... ©कि...

सुनो !

सुनो , कभी जाना हो दूर चले जाना नहीं रोकूँगी बस एक वादा करो संग अपने सब सामान भी ले जाओगे अपना... कहीं जो कुछ छूट गया तो हवा छूकर उसे महका देगी मेरा घर, वो ख़ुशबू गर बस गयी साँसों म...

कहा था न !

कहा था न ! क़रीब मत आना और आओ तो दूर मत जाना .. हाँ नासमझ हूँ ! दिमाग़ में तर्क़ के बीज जड़ पकड़ पाएं, उससे पहले ही दिल में उमड़ते सागर की लहरें बहा ले जाती हैं मुझे... कितनी बार कहूँ कोई चाह...

ये किस मोड़ पर मिले हो तुम

ये किस मोड़ पर मिले हो तुम जब आदत हो गयी है तन्हाई की, ख़ुद से ख़ुद की रुसवाई की, चुपके से सरक आती खामोशियों की, बेख़ौफ़ लिपटती परछाईयों की.... फिर ये कैसी सरसराहट है मन के गलियारों में,...