तुम हो तो ...

वह पास नहीं मगर आज भी साथ तो होगा तभी तो ये त्यौहार इतने खास हो जाते ... घर में भले न हो पर दिलों में रौनक हो तो हर कौना सजा सँवरा सा लगता। हर साल की तरह रंगोली नहीं सजायी उसने पर जैसे रंगों में लिपटी दमक रही थी ... हाथों में दीयों की थाली लिए गुनगुनाते हुए एक एक दीया लगाते जाने कितनी खुशियाँ बिखेर आयी आँगन में ..
     उन दोनों के बीच अनगिनत समानताएं रही होंगी पर असमानताएं भी तो होंगी मगर जब कोई प्यार में हो .. न न उनके जैसे गहरे इश्क़ में हो तो केवल निगाह भर जाती है असमानताओं पर और फिर धकेल दी जाती हैं दिमाग के किसी अंधेरे कोने में ताकि धीरे-धीरे विस्मृत की जा सकें। चेहरे और गले के तिल से लेकर नाक और होंठो का आकार तक मिल जाता, शायद किसी दिन चेहरा भी पूरी तरह मिलने लगे क्योंकि ऐसा सुना है उन्होंने कि जिसे दिल से चाहा हो उसके जैसा हो जाना कोई विस्मय की बात नहीं।
        अजब है ये इश्क़ भी ! एक पल में मीलों का सफ़र तय कर लेता है मन, मीलों ही नहीं शायद एक उम्र का भी तभी तो वक़्त छू नहीं पाया उन्हें और चुपचाप गुज़र गया और दूर खड़ा आज भी देख रहा उन्हें एक दूजे में डूबे हुए ... दो दिल मिल रहे हैं मगर चुपके-चुपके 💕

#सुन_रहे_हो_न_तुम

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