तुम थे तो ...
तेरे बिन जो गुज़री, तमाम रातें सूनी सी
ख़लिश सी रहती है अब दिल में हर पल
हर दिन है बेवजह, हर शाम बिखरी सी
तन्हा ही अच्छे थे, न आस थी न उम्मीद
अब हर पल, हर सु है फ़क़त बेचैनी सी
तेरे आने से लेकर तेरे छोड़कर जाने तक
पसरी हैं राह में बेजान ख़्वाहिशें टूटी सी
बेशक़ तेरी ज़िन्दगी में शामिल नहीं मगर
माँगते हैं दुआ तुझे महसूस न हो कमी सी
💖किरण
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