ये हाथ हम न छोड़ेंगे


कैसे बताएँ तुम्हें, और किस तरह ये, कितना तुम्हें हम चाहते हैं?
साया भी तेरा दिखे, तो पास जाके उसमें सिमट हम जाते हैं।
रास्ता तुम्ही हो, रहनुमा तुम्ही हो,
जिसकी ख़्वाहिश है हमको, वो पनाह तुम्हीं हो ।
तुम ही हो बेशुबा, तुम ही हो
तुम ही हो मुझमें, हाँ, तुम ही हो 🎶🎵

तुमसे जो मिली हूँ, हर लफ़्ज़ के मायने बदल गए, हर अहसास अलहदा सा लगा, तुमसे जब भी इज़हार की तलब जागी, अल्फ़ाज़ मिले ही नहीं जो तुम्हारे लिए मेरे अहसास बयां कर पाते... 
न जाने कितनी यादें अकेले बनाते आये हैं अब तलक और फिर भी हमेशा से साथ ही थे जैसे ... न तुमसे कुछ छुपा था मेरा, न मुझसे तुम्हारा, नहर के दो किनारों जैसे हाथ थामे जाने कबसे एक ही सफ़र में थे हम ...साझा थी हमारी उड़ान, साझा थी ख़्वाहिशें भी , साझा थे ख़्वाब सारे, साझा थी मंज़िलें भी ...

"मुझे लगता है मैं सदियों से तुम्हारा हूँ, तुम मेरी हो .... तुम्हें मुझसे और मुझे तुमसे अलग करना मतलब पानी को पानी से अलग करना"

" जानते हो हर रोज़ तुम्हें ख़त लिखा, कि शायद मेरे भीगे लफ़्ज़ों की नमी तुम्हें महसूस हो... तुमने ही मेरा परिचय सुरों से करवाया था, न जाने कितने नगमे हमारी आवाज़ में गूंजे थे। मैं हमेशा ये गाने गुनगुनाती रही तुम्हारे लिए कि कभी तो तुम्हें मेरी आवाज़, मेरी तड़प खींच लाएगी मेरे पास और देखो तुम आ गए "

"कैसे न आता इतनी शिद्दत से जो तुमने पुकारा था और फिर इंतज़ार तो मुझे भी हमेशा से था तुम्हारा । तुम्हारे लिए नज़्में लिखता रहा, नग़मे गुनगुनाता रहा ...सब तुम्हारे लिए लिखा वैसे ही जैसे तुम मुझे ये ख़त लिखती रहीं, तुम्हारे लिए गाता रहा, जैसे तुम मेरे लिए गाती रही ..."

"काश ये वक़्त पीछे लौट जाता और हम बिछड़ने का ये दंश न सहते !"

"यही सोच रहा था सुबह और आंखें भीगने लगी थीं फिर मन को समझाया ...देर से ही सही मिल तो गए, हम जीयेंगे हमारा इश्क़ और भरपूर जीयेंगे बस तुम मेरा हाथ थामे रखना.."

🎵🎶
किस्मत से तुम हमको मिले हो 
कैसे छोड़ेंगे .. ये हाथ हम न छोड़ेंगे।
टुकड़े दिल के हम तुम मिलके फिर से जोड़ेंगे 
फिर से बनती तक़दीरों को, अरमानों की ज़ंजीरों को 
जानम अब न तोड़ेंगे

#सुन_रहे_हो_न_तुम

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