सफ़र में है कहानी
कहानी महज़ कुछ किरदारों का खेल नहीं,
शब्दों की श्रृंखला भी नहीं,
घटनाओं का सिलसिला भी नहीं,
एहसासों का आकाश भी नहीं,
ख्वाहिशों का दंगल भी नहीं,
दबे छुपे आक्रोश या चिंतन की अभिव्यक्ति भी नहीं
कहानियां ये सब हैं और इससे कहीं ज्यादा हैं
मन को भिगोती शीतल बूंदों का संसार हैं,
भावनाओं को उद्वेलित करती गर्म रेत हैं,
रंगों में डूबी सुरमई सांझ है,
अश्क़ों में डूबी काली रात का ख़्वाब है,
गुलाबों के गुच्छे में छुपे खार भी समेटे है कहानी
समुंदर सी धीर, नदिया सी अधीर, झरने सी चंचल है कहानी
ठहराव भी है, पड़ाव भी परंतु
एक सफ़र है अनवरत
हाँ सदियों से सफ़र में है कहानी ....
©किरण
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