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Showing posts from December, 2018

बेवजह

कुछ बातें बेवजह भी होनी चाहिए न ! जैसे किसी सर्द सुबह, शब की विदाई और नींद के साथ छोड़ जाने के बाद भी किसी बीते ख़्वाब को बंद आंखों में कसकर भींच लेना... बेतरतीब सी बिखरी चीज़ों को सम...

अंतहीन

ये हमारी बातें हमेशा अधूरी रह जाती हैं, कितना कुछ होता कहने को पर तुम्हारे साथ का ये वक़्त कैसे फ़ुर्र हो जाता और इन अधूरी बातों से जाने कितनी बातें और जोड़ती रहती हूँ सारा दिन त...

हाँ मैं अपनी favourite हूँ

आज fm पर करीना को उसका पसंदीदा डायलाग दोहराते सुना "मैं अपनी favourite हूँ" याद आयी वो दुबली-पतली लड़की जिसे कभी कहा गया था उसका चेहरा उतना खास नहीं जितने सुन्दर उसके हाथ और पैर ... वो कुछ शब...

ख़बर

"चाय में घोल कर किस तरह पीया जाए भीड़ का उन्माद, साज़िश की बू, गोलियों का अट्टहास, कानफाड़ू नारे, वहशियाना चीख-ओ-पुकार, सुर्ख़ लहू संग बेवज़ह जाया होती सांसें, बेवक़्त दहलाती मौत की आ...