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Showing posts from August, 2017

एक ख़त बस यूँ ही

अलसुबह के उनींदे ख़्वाब ,          मुझे बेइंतहा मोहब्बत है तुमसे !तुमसे मिलने को पूरी शब गुज़रने का इंतज़ार करती हूँ ..... सहर तुम्हारे आगोश में हो तो दिन अच्छा गुज़रेगा यक़ीनन ! यही सो...

एक खत नन्ही बूँद के नाम

प्यारी सी नन्ही बूँद , तुम नटखट सी, तुम पगली सी, कभी शरारत से फिसलती, कभी शैतान सी कूद जाती, कभी जब दो घड़ी ठहर जाती मेरी हथेली पर तो सहेली सी लगती हो, मुझसे बतियाती हो, दुनिया जहां ...

एक ख़त तुम्हारे नाम

तुम अक्सर गुज़रते रहे मेरे ख़्यालों की रहगुज़र (रास्ता) से और मैं सोचा करती ...तुम ऐसे होंगे, तुम वैसे होंगे, यूँ हँसते होंगे,  यूँ बोलते होंगे.....जब मेरा नाम लोगे तो कैसे मुस्कुराओग...