मेरा भारत महान ! {वीर (आल्हा) छंद }
अमन चैन की चाहत
हमको, सब धर्मों का हो सम्मान
मानवता हो हर इक दिल
में, सम हो गीता और कुरान
प्रेम-पुष्प से
चमन सजाए, काँटों का कर दे अवसान
शत्रु पग नहीं रखने
पाए, सीमा पर मुस्तैद जवान
तोड़ो नफरत की
दीवारें, बनी रहे भारत की आन
जग को दो पैगाम
अमन का, हो ऊँची झंडे की शान
अन्याय नहीं होने
पाए, हो दुष्टों का काम तमाम
लुटे नहीं फिर
अबला कोई, नारी का हो उच्च मुकाम
खेतों में फसलें
लहरायें, भरे रहे हर दम खलिहान
हो अंत अभाव औ
भूख का, मिले भ्रष्टों को मृत्यु दान
नमन शहीदों को शत-शत है, हुए देश पर जो बलिदान
सो न पाये शत्रु सुकून से, मिले शहादत को सम्मान
रहा कभी सोने की चिड़िया, फिर से लौटे वो सम्मान
हर दिल से हुंकार उठे ये, मेरा भारत देश महान !
सो न पाये शत्रु सुकून से, मिले शहादत को सम्मान
रहा कभी सोने की चिड़िया, फिर से लौटे वो सम्मान
हर दिल से हुंकार उठे ये, मेरा भारत देश महान !
-विनिता सुराना
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