चन्दन (मुक्तक )



ग्रहण का दाग सूरज को छिपा सकता नहीं
काँटों का कफ़न फूल को मिटा सकता नहीं
आहूत हो अग्नि में भी महकता हैं चन्दन
विषम हो मार्ग, कर्मठ को डिगा सकता नहीं|


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तेल, औषध, सुवास हैं चन्दन
तिलक सुशोभित भाल हैं चन्दन
पावन, पुनीत, तासीर शीतल
चिता में जले, त्याग हैं चन्दन|
-विनिता सुराना 'किरण'

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