Mai Prem Deewaani Radha Si!
Dheer-gambheer tum saagar se
Chapal chanchal mai nadiya si!
Neh tumhaara udgam hai mera
Pran-shakti tumhi se milti
Tum vishaal-hriday, sambal tum mere
Dulaarte jab tum, mai moti si khilti.
Sampoorn ho, saar-garbhit ho tum
Prerna nirantar sangharsh ki tumse milti.
Aagey badho! Na ruko kabhi
tum 'VINi'
Ye seekh mujhe tumhi se milti.
Sangharsh thakaate nahi mujhe kabhi
Jeevan-rasdhaara tumse jo milti
Anginat padaav jeevan mei chhuti
Par antatah aakar tumhi mei milti.
Preetam pyaare! Nyochhavar tum par
Mai prem deewaani Radha si!
धीर-गंभीर तुम सागर से
चपल-चंचल मैं नदिया सी!
नेह तुम्हारा, उद्गम है मेरा
प्राण-शक्ति तुम्ही से मिलती
तुम विशाल-हृदय, संबल तुम मेरे
दुलारते जब तुम, मैं मोती सी खिलती.
सम्पूर्ण हो, सार-गर्भित हो तुम
प्रेरणा निरंतर संघर्ष की तुम्ही से मिलती
आगे बढ़ो! ना रुको कभी तुम 'विनि'
ये सीख मुझे तुम्ही से मिलती.
संघर्ष थकाते नहीं मुझे
कभी
जीवन-रसधारा तुमसे जो मिलती
अनगिनत पड़ाव जीवन में छूती
पर अंततः आकर तुम्ही में मिलती.
प्रीतम-प्यारे! न्योच्छावर तुम पर
मैं प्रेम-दीवानी राधा सी!
- Vinita Surana
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