Kuch dard baa.te ( Muktak)
Gumsum se baithe ho kyu, aao kuch dard baa.te
Jamne lagi barf rishto par, raate kuch sard baa.te
Na tum kuch bolo, 'VINi' na hum kuch bole
Kaante samet le chaadar mei, phool kuch zard baa.te.
गुमसुम से बैठे हो क्यूँ, आओ कुछ दर्द बांटे
जमने लगी बर्फ रिश्तों पर, रातें कुछ सर्द बांटे
ना तुम कुछ बोलो. 'विनि' ना हम कुछ बोले
कांटे समेट लें चादर में, फूल कुछ ज़र्द बांटे.
- Vinita Surana
Jamne lagi barf rishto par, raate kuch sard baa.te
Na tum kuch bolo, 'VINi' na hum kuch bole
Kaante samet le chaadar mei, phool kuch zard baa.te.
गुमसुम से बैठे हो क्यूँ, आओ कुछ दर्द बांटे
जमने लगी बर्फ रिश्तों पर, रातें कुछ सर्द बांटे
ना तुम कुछ बोलो. 'विनि' ना हम कुछ बोले
कांटे समेट लें चादर में, फूल कुछ ज़र्द बांटे.
- Vinita Surana
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